Karwa Chauth 2023 – आने वाला है करवा चौथ इस तरह करे तैयारी

करवा चौथ, एक ऐसा त्योहार है जो भारतीय सामाजिक संस्कृति में विशेष महत्वपूर्ण है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इसमें पत्नी द्वारा व्रत रखा जाता है और उसे चाँद की उपासना के साथ रात्रि में पति के सामर्थ्य और सुरक्षा की कामना करती है।

विदेशों में करवा चौथ

करवा चौथ भारत का एक लोकप्रिय त्योहार है, लेकिन इसे विदेशों में भी मनाया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय इस त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।

विदेशों में करवा चौथ मनाने का तरीका भारत में मनाने के तरीके से थोड़ा अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ महिलाएं व्रत का संकल्प लेने के लिए मंदिर जाने के बजाय घर पर ही पूजा करती हैं। इसके अलावा, कुछ महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनने के लिए ऑनलाइन वीडियो या ऑडियो सुनती हैं।

क्यों मनाते हैं करवा चौथ?

करवा चौथ का महत्वपूर्ण हिस्सा है भारतीय सामाजिक सांस्कृतिक और कथाओं का। इसे मनाने का मुख्य कारण यह है कि यह एक पतिव्रता पत्नी का पर्व है, जिसमें वह अपने पति की दीर्घायु और सुरक्षित जीवन की कामना करती है। यह त्योहार पतिव्रता पत्नियों के बीच एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और समर्पण का परिचायक है।

करवा चौथ की विधि:

करवा चौथ का त्योहार चाँद पूजा से शुरू होता है और इसमें विशेष रूप से बनाई गई मिठाईयाँ और सुगंधित द्रव्यों की उपासना शामिल होती है। करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाएं रात में चाँद को देखने के बाद अपने पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। चाँद को अमृत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए महिलाएं चाँद को देखकर अपने पति को दीर्घायु के लिए आशीर्वाद की कामना हैं। फिर उन्हें पतिव्रता व्रत के नियमों के अनुसार दृढ़ संकल्प और श्रद्धाभाव से रात्रि बितानी चाहिए। सुबह स्नान के बाद व्रत का फल चढ़ाकर उन्हें किसी सुधर्म ब्राह्मण या वृद्ध नारी को दिया जाता है।

करवा चौथ का त्योहार एक दिन पहले से ही शुरू हो जाता है। इस दिन, महिलाएं अपने घरों को साफ-सुथरा कर और सजाती हैं। महिलाएं करवा चौथ के लिए विशेष रूप से बनाई गई मिठाइयों और सुगंधित द्रव्यों की खरीदारी करती हैं।

करवा चौथ के दिन, महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। फिर, वे अपने पति की तस्वीर को देखकर व्रत का संकल्प लेती हैं। व्रत का संकल्प लेने के बाद, महिलाएं करवा चौथ की पूजा करती हैं। करवा चौथ की पूजा में, महिलाएं करवा चौथ के व्रत की कथा सुनती हैं और देवी पार्वती की पूजा करती हैं।

रात को, महिलाएं चाँद की पूजा करती हैं। चाँद की पूजा करने के बाद, महिलाएं अपने पति के लिए भोजन बनाती हैं। फिर, महिलाएं अपने पति के साथ भोजन करती हैं।

सुबह, महिलाएं स्नान करके अपने पति को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य देने के बाद, महिलाएं व्रत का फल चढ़ाकर किसी सुधर्म ब्राह्मण या वृद्ध नारी को देते हैं।

करवा चौथ के नियम

करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना होता है। ये नियम निम्नलिखित हैं:

  • करवा चौथ के दिन, महिलाओं को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
  • व्रत का संकल्प लेने के बाद, महिलाओं को दिन भर भूखा-प्यासा रहना चाहिए।
  • रात को, महिलाओं को चाँद की पूजा करनी चाहिए।
  • चाँद की पूजा करने के बाद, महिलाओं को अपने पति के साथ भोजन करना चाहिए।
  • सुबह, महिलाओं को स्नान करके अपने पति को अर्घ्य देना चाहिए।

इस साल कब है करवा चौथ:

इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर, बुधवार को रखा जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर, मंगलवार को रात 9.30 बजे से शुरू होगी, जो 1 नवंबर को रात 9.19 बजे समाप्त हो जायेगा

करवा चौथ के त्योहार का महत्व:

करवा चौथ का त्योहार भारतीय समाज में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्रत न केवल पतिव्रता पत्नियों के लिए होता है, बल्कि इससे परिवार के सभी सदस्यों को एक-दूसरे के प्रति समर्पित करने का एक अद्वितीय अवसर मिलता है। इस त्योहार के दौरान परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ प्यार और समर्पण की भावना से भरे रहते हैं।