माता- पिता के त्याग देखे कौन ? By Smita Gupta

माता – पिता के त्याग को देखे कौन ?
माता पिता के दिखाए सपनों को हाथों में लिए
भविष्य में सफल होने की प्रबल संभावनाएं लिए
हार नहीं जीवन में अपनी जीत की आस लिए
ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचने का संकल्प लिए
बच्चे गिरते, उठते, संभलते, आगे बढ़ जाते हैं
उस पल माता- पिता के हृदय का सुभाशीष, प्यार और समर्पण
अदृश्य शक्ति बनकर थामे रहते हैं, उन्हें
माता – पिता का यह निःस्वार्थ भाव समझे कौन ?
उनका यह अद्भुत त्याग देखे कौन ?
किसी भी कीमत पर आगे बढ़ने में
ऊंचाइयों को छूने की लगी होड़ में
कुछ खास कर गुजरने की चाह में
पाश्चात्य जीवन शैली को आत्मसात किए
और पीछे मुड़ कर नहीं देखने की जिद लिए
जब बच्चे सफलता की सीढ़ियां चढ़ जाते हैं
माता – पिता के सहयोग भूल जाते हैं
पूरे जीवन की तपस्या हो जाते हैं गौण
मूक! माता पिता के त्याग होते हैं मौन
उस माता- पिता के त्याग देखे कौन ?

Smita Gupta

Assi. prof.(Hindi)
M. Ed. , Hindi Patrkarita
smita78gupta@gmail.com